जब डायबिटीज का निदान किया जाता है, तो ब्लड ग्लूकोज लेवल सामान्य से अधिक होता है।
इसका शीघ्र पता लगाना महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, क्योंकि इससे समय पर उपचार शुरू किया जा सकता है, जिससे संभावित जटिलताओं को रोका जा सकेगा।
डायबिटीज के दो मुख्य प्रकार हैं: टाइप 1 और टाइप 2। पहला प्रकार बच्चों और युवाओं में अधिक आम है, जबकि दूसरा प्रकार अक्सर वयस्कों में विकसित होता है।
कौन सा टेस्ट डायबिटीज का पता लगा सकता है?
1. ग्लूकोज ब्लड टेस्ट। रक्त ग्लूकोज लेवल को मापने के लिए सबसे आम और त्वरित टेस्ट, जो खाली पेट या भोजन के बाद किया जाता है। 7 mmol/L से अधिक उपवास ग्लूकोज लेवल डायबिटीज का संकेत हो सकता है।
2. ग्लाइकेटेड हीमोग्लोबिन (HbA1c) टेस्ट। टेस्ट से पिछले 2-3 महीनों का औसत ब्लड ग्लूकोज लेवल पता चलता है। 6.5% से ऊपर HbA1c मान डायबिटीज की उपस्थिति को इंगित करता है।
3.ग्लूकोज टॉलरेंस टेस्ट। सबसे पहले, उपवास ब्लड ग्लूकोज लेवल को मापा जाता है, फिर एक मीठा पेय पिया जाता है, और दो घंटे बाद ग्लूकोज लेवल को फिर से मापा जाता है। 11.1 mmol/l से ऊपर की रीडिंग डायबिटीज का संकेत देती है।
4.यूरिन टेस्ट। यह टेस्ट यूरिन में शुगर और कीटोन का पता लगाने के लिए किया जाता है। यूरिन में शुगर की उपस्थिति डायबिटीज का संकेत हो सकती है।
समय पर निदान और ट्रीटमेंट ब्लड शुगर नियंत्रण में सुधार करता है और गंभीर जटिलताओं को रोकता है।
डिजीज की शीघ्र पहचान और उचित कंट्रोल आपको पूर्ण और सक्रिय जीवन जीने की अनुमति देता है।