हमारी लेबोरेटरी इलेक्ट्रोड के लिए मेम्ब्रेन्स के विकास और ऑप्टिमाइजेशन पर काम जारी रखती है। मेम्ब्रेन बायोकंपैटिबल और इलेक्ट्रिकली कंडक्टिव मटेरियल की एक पतली लेयर होती है, जिसमें एक एंजाइम होता है, जो ग्लूकोज की डिटेक्शन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
हमारा बायोसेंसर 0-35 एमएम की रेंज में ब्लड ग्लूकोज के लेवल का डिटेक्ट करने में सक्षम है। अगले चरण में युनिफॉर्म सेंसिटिविटी के साथ इलेक्ट्रोड का उत्पादन करने के लिए मेम्ब्रेन डिपोजिशन टेक्निक विकसित करना शामिल है, जो CGM-डिवाइसेज की एक्यूरेसी और रिलायबिलिटी सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण है।
हम मेम्ब्रेन को एस्पिरिन, पेरासिटामोल और अन्य जैसे नेचुरल केमिकल्स के एडेप्ट बनाने पर भी काम कर रहे हैं।
ये इंप्रूवमेंट्स अधिक इफेक्टिव और एक्यूरेट CGM डिवाइसेज के निर्माण में सक्षम होंगे, जो कंपिटिंग कंपनीज के डिवाइसेज से कावर करेंगे, मैच करेंगे और कुछ मायनों में उनसे भी एक्सिड करेंगे।