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डायबिटीज मैनेजमेंट में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की भूमिका

28.05.25
डायबिटीज मैनेजमेंट में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की भूमिका

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस डायबिटीज मैनेजमेंट के अप्रोचेज को बदल रही है। इसके मुख्य एडवांटेजेस इस प्रकार हैं:

1. इंक्रीज्ड डाटा एक्यूरेसी। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस बड़ी मात्रा में इंफॉर्मेशन का एनालाइज करता है, जिससे ग्लूकोज के लेवल्स का अधिक सटीक अनुमान लगाया जा सकता है और मेजरमेंट एरर्स की संभावना कम हो जाती है।

2. इंडिविजुअल रिकमेंडेशन्स। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग पर्सनलाइज्ड डायबिटीज मैनेजमेंट प्लान्स को विकसित करने के लिए किया जाता है, जो व्यक्ति के आहार, फिजिकल एक्टिविटी और पर्सनल प्रेफरेंसेस को ध्यान में रखती हैं।

3. कंडीशंस का प्रिडिक्शन।। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस ग्लूकोज के लेवल्स में होने वाले स्पाइक्स का 30-60 मिनट पहले ही पूर्वानुमान लगाने में सक्षम है, जिससे यूजर को समय पर सूचित किया जा सकेगा।

4. थेरेपी का ऑप्टिमाइजेशन। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस इंसुलिन खुराक को मॉडल और एडजस्ट करने में मदद करता है, जिससे ग्लूकोज कंट्रोल में सुधार होता है और कॉम्प्लिकेशंस का जोखिम कम होता है।

MLC समय के साथ चलता रहता है और अपने स्वयं के कंटीन्यूअस ग्लूकोज मॉनिटरिंग सिस्टम – CGM Fly में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग करने की प्रवृत्ति को ध्यान में रखता है।

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