डायबिटीज — यह एक लॉटरी है, जिसमें जीन आपको टिकट देते हैं और आपकी जीवनशैली तय करती है, कि आप जीतेंगे या नहीं। आइये जानें, कि क्या अधिक महत्वपूर्ण है: हिरेडिटी या आदतें?
हिरेडिटी: आपका पर्सनल जोखिम है, जिसका सही एसेसमेंट करना महत्वपूर्ण है।
टाइप 1 की डायबिटीज – अधिकतर यह ऑटोइम्यून डिसऑर्डर्स से जुड़ा होता है (यदि माता-पिता बीमार हों, तो जोखिम 3-8% होता है)।
टाइप 2 की डायबिटीज – हिरेडिटी एक बड़ी भूमिका निभाती है: यदि माता-पिता में से किसी एक को डायबिटीज का पता चलता है, तो बच्चे में डायबिटीज विकसित होने का जोखिम 40% है, और यदि माता-पिता दोनों को यह बीमारी है, तो बच्चे में डायबिटीज विकसित होने का जोखिम – 70% तक है।
हालाँकि, "खराब" जीन भी डेथ सेंटेंस नहीं है। पहले से सचेत रहना ही सबसे अच्छा है! आपके पक्ष में आपकी जीवनशैली है – जिसे आप कंट्रोल कर सकते हैं! बैलेंस्ड डाइट लें, अधिक व्यायाम करें, अपनी डेली रूटीन व्यवस्थित करें और नियमित रूप से अपने ब्लड ग्लूकोज के लेवल की मॉनिटरिंग करें।
याद रखें, कि टाइप 2 डायबिटीज को 80% मामलों में रोका जा सकता है, यहां तक कि खराब हिरेडिटी के साथ भी!
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